कौन-कौन से mutual funds में SIP निवेश करे in 2024

What is a systematic investment plan in Hindi

अगर आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं और इसके लिए आपनेम्यूच्यूअल फंड्स का ऑप्शन चुना है तो सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान(Systematic Investment Plan, SIP) आपके बहुत ही काम कानिवेश माध्यम साबित हो सकता है। हमारे आज के आर्टिकल में हमसिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) के बारे में सारी जरूरी बातों के बारे मेंकाफी विस्तार से डिस्कस करेंगे जैसे कि सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान क्याहै, इसके क्या एडवांटेज और डिसएडवांटेज हैं, इसके क्या-क्या बढ़ियाफीचर है आदि। तो सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के बारे में अच्छी तरह सेजानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें क्योंकि इससे आपकोइसके बारे में काफी कुछ पता चलेगा।

 

Table of Contents

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान क्या है? What is a systematic investment plan)

तो आइए सबसे पहले जानते हैं कि सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान क्या है? सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान को सामान्य भाषा में सिप (SIP) भी कहाजाता है। यह एक बेहद फेमस इन्वेस्टमेंट मेथड है। सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंटप्लान की मदद से निवेशक म्यूच्यूअल फंड्स में बहुत ही सिस्टमैटिक तरीकेसे निवेश कर सकते हैं। सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान निवेशकों को इसलिएइतना पसंद है क्योंकि यह बहुत फ्लैक्सिबल होता है, इसे बहुत ही आसानीसे समझा जा सकता है और साथ में ही इसमे इन्वेस्टर अपने बजट औरफाइनेंशियल गोल्स के अनुसार अपने निवेश को कस्टमाइज भी कर सकतेहै। सिप की मदद से निवेशक वीकली, मंथली या क्वार्टरली इंटरवल परछोटे छोटे अमाउंट को सिस्टमैटिक तरीके से इन्वेस्ट कर सकते हैं। जिससेउनका बजट भी मैनेज हो जाता है और एक टाइम पीरियड के बाद उनकेपास अच्छी खासी सेविंग भी इकट्ठी हो जाती है। इसके अलावा यह एकऑटोमेटिक प्रोसेस होता है जिसमें टाइम टाइम पर इन्वेस्टर के बैंक अकाउंटसे पैसे इस स्कीम में खुद ही इन्वेस्ट हो जाते हैं। इससे इन्वेस्टर को कहीआने जाने की या ज्यादा कुछ याद रखने और मैनेज करने की परेशानी भीनहीं होती है। SIP, इन्वेस्टर्स के बीच में इसलिए भी इतना ज्यादा फेमस हैक्योंकि इसमें इन्वेस्ट करने के लिए बहुत ज्यादा अमाउंट की जरूरत नहींहोती है और इसमें छोटे से अमाउंट से भी इन्वेस्टमेंट की जा सकती है।

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) के मुख्य प्रकार

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) के मुख्य प्रकार के बारे में नीचे बतायागया है। 

टॉप अप सिप (Top up SIP)

सामान्य तौर पर एक SIP मेंनिवेशक एक निश्चित अमाउंट, एक रेगुलर टाइम इंटरवल पर इन्वेस्टकरता है, पर टॉप अप SIP इन्वेस्टर को एक ऐसा बेहतरीन ऑप्शनदेता है जिससे निवेशक अपनी SIP इन्वेस्टमेंट को बढ़ा सकता है।टॉप अप सिप को स्टेप अप सिप (step up SIP) के नाम से भीजाना जाता है। टॉप अप SIP के लिए टाइम इंटरवल मंथली, क्वार्टरली या फिर ईयरली हो सकता है। यह उन निवेशकों के लिएएक बहुत अच्छा ऑप्शन है जो अब अपने इन्वेस्टमेंट अमाउंट को धीरे-धीरे बढ़ाना चाहते हैं। top-up SIP एक बहुत ही अच्छा कॉस्टइफेक्टिव इन्वेस्टमेंट प्लान है जिससे कि निवेशक को एक ही बार मेंबहुत बड़ा अमाउंट इन्वेस्ट नहीं करना पड़ता है। इसमें निवेशक अपनेइन्वेस्टमेंट को टाइम के साथ धीरे-धीरे बढ़ा सकते हैं। इस तरह केइंवेस्टमेंट प्लान का एक फायदा यह भी है की मार्केट की कंडीशन काइन पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ता है।

फ्लैक्सिबल सिप (Flexible SIP)

फ्लैक्सिबल सिप में इन्वेस्टरअपने इन्वेस्टमेंट अमाउंट को अपने इन्वेस्टमेंट गोल्स या फिर बजट केहिसाब से कम या ज्यादा कर सकते हैं। इससे निवेशकों को इन्वेस्टमेंटअमाउंट को कम या ज्यादा करने और उनकी टाइम फ्रीक्वेंसी को चेंजकरने का भी ऑप्शन मिलता है। यह ट्रेडिशनल सिप से थोड़ा अलगहोते हैं। यह उन इन्वेस्टर्स के लिए अच्छा ऑप्शन होता है जिनकीफिक्स्ड इनकम नहीं होती है या फिर वह सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लानके एक फ्लैक्सिबल मोड में इन्वेस्ट करना चाहते हैं।

पर्पचुअल् सिप (Perpetual SIP)

सामान्य तौर पर ज्यादातर सिपमें इन्वेस्टर को एक टाइम फ्रेम को सेलेक्ट करना पड़ता है। यह टाइमफ्रेम 2 साल 5 साल या इससे भी ज्यादा का हो सकता है। जिसकेबाद में इन्वेस्टर अगर अपनी इन्वेस्टमेंट को जारी रखना चाहता है तोउसे अपने SIP प्लान को रिन्यू कराना पड़ता है पर Perpetual SIP एक ऐसा सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान है जिसमे निवेशक को सिर्फप्लान को स्टार्ट करने की डेट को सेट करना होता है। इसका यहफायदा है की इन्वेस्टर इस प्लान में जब तक चाहे तब तक इन्वेस्टकरता रह सकता है। यह उन इन्वेस्टर्स के लिए एक बढ़िया ऑप्शन हैजोकि लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के सोच रहे हैं और वह बार-बार अपनेSIP को रिन्यू नहीं करवाना चाहते हैं।

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, सिप में इन्वेस्ट कैसे करें (How to invest in a Systematic investment plan, SIP)

म्यूच्यूअल फंड स्कीम को चुने (Choose a mutual fund scheme)

Sip में इन्वेस्ट करने के लिए सबसे पहले आपको अपनेफाइनेंशियल गोल्स, इन्वेस्टमेंट होराइजन आदि के बारे में अच्छे सेरिसर्च कर लेनी चाहिए। उसके बाद आपको एक म्यूच्यूअल फंडस्कीम को चुनना होगा। इसमें आप इक्विटी, हाइब्रिड जैसी बहुत सारेम्युचुअल फंड स्कीम्स में से किसी को भी चुन सकते हैं।

इन्वेस्टमेंट अमाउंट चुने (Choose the investment amount)

म्यूच्यूअल फंड स्कीम के बाद अब इन्वेस्टर को यह डिसाइड करना हैकि उसे सिप में कितना अमाउंट इन्वेस्ट करना है। अमाउंट इन्वेस्टकरते समय इन्वेस्टर को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यह एकलॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान है और इसलिए इसमें अपने बजट औरइन्वेस्टमेंट ऑब्जेक्टिव्स के हिसाब से इन्वेस्टमेंट अमाउंट सेलेक्टकरना चाहिए।

डेट और टाइम फ्रीक्वेंसी सेलेक्ट करें (Select date and time frequency)

अब निवेशक को इन्वेस्ट करने की time-frequency को सेलेक्ट करना होगा। यह वीकली, मंथली या फिरक्वार्टरली भी हो सकता है। इसके लिए इन्वेस्टर को एक निश्चित डेटसेट करनी होगी। इन्वेस्टर के द्वारा चुने गए time-frequency औरडेट के हिसाब से उसके बैंक अकाउंट में से पैसे ऑटोमेटिकली इन्वेस्टहो जाएंगे।

ट्रैकिंग (tracking)

अब जब भी इंवेस्टर के बैंक अकाउंट में से पैसेइन्वेस्ट होंगे तो इसकी सूचना इन्वेस्टर को ई-मेल और SMS केमाध्यम से मिल जाएगी। इसके अलावा इन्वेस्टर के पैसे कहां कहाँ परइंवेस्ट किए गए हैं और उसके इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो के बारे में भीउसे अपडेट मिलते रहेंगे।

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, सिप के एडवांटेजेस (systematic investment plan, SIP Advantages)

लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट (Long-term investment)

सिस्टमैटिकइन्वेस्टमेंट प्लान ऐसे निवेशकों के लिए बहुत ही अच्छा इन्वेस्टमेंटमाध्यम है जोकि लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करने की सोच रहे हैं। SIP कीमदद से ऐसे इन्वेस्टर लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करके अच्छा खासा अमाउंटसेव कर लेते हैं।

रूपी कॉस्ट एवरेजिंग (Rupee cost averaging)

SIP मेंइन्वेस्ट करने का एक फायदा यह भी है इसमें निवेशकों को रूपीकॉस्ट एवरेजिंग से भी फायदा मिलता है। रूपी कॉस्ट एवरेजिंग ऐसाप्रोसेस होता है जिसमें एक म्यूच्यूअल फंड में रेगुलर इंटरवल पर एकनिश्चित अमाउंट को निवेश किया जाता है। इस प्रोसेस में मार्केट कीकंडीशन पर ध्यान नहीं दिया जाता है। Rupee cost averaging की मदद से निवेशक अपने इन्वेस्टमेंट की एवरेज कोस्ट को भी कमकरते हैं और वोलेटाइल मार्केट में इन्वेस्ट करने के रिस्क से भी बचतेहैं।

फ्लैक्सिबल (Flexible)

सिस्टमैटिक और डिसिप्लिन इन्वेस्टमेंटमेथड होने के बावजूद भी SIP से इन्वेस्टर्स को फ्लैक्सिबिलिटी काफायदा भी मिलता है क्योंकि SIP एक फ्लैक्सिबल इन्वेस्टमेंट टूल है, जिसकी मदद से निवेशक अपनी सुविधा के अनुसार निवेश कर सकतेहैं। SIP में निवेशक अपनी इन्वेस्टमेंट को बढ़ा या घटा भी सकते हैं, पेमेंट को स्किप भी कर सकते हैं और कुछ समय के लिए अपनीइन्वेस्टमेंट को रोक भी सकते हैं।

डिसीप्लिंड और सिस्टमैटिक (Disciplined and systematic)

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान में इन्वेस्टमेंट करने का सबसे बड़ाफायदा यह है कि इससे इन्वेस्टर में डिसिप्लिन और सिस्टमैटिकतरीके से सेविंग करने की हैबिट बन जाती है क्योंकि सिस्टमैटिकइन्वेस्टमेंट प्लान में रेगुलर इंटरवल पर इन्वेस्टमेंट की जाती है। इसवजह से निवेशक के अंदर बचत की भावना के साथ साथ अनुशासनकी भावना भी डेवलप हो जाती है जिससे वह जल्दी ही अपने फाइनेंसगोल्स को अचीव कर पाते हैं।

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, सिप के डिसएडवांटेजेस (systematicinvestment plan, SIP Disadvantages)

गारंटीड रिजल्ट की अपेक्षा ना करें (Don't Expect Guaranteed Results)

भले ही सिप निवेश का एक बेहद पॉपुलर माध्यम है पर इसमेंभी गारंटीड रिटर्न की कोई उम्मीद नहीं होती है क्योंकि बाकी के दूसरे निवेशोंकी तरह इस पर भी मार्केट कंडीशन का असर पड़ता है।

मार्केट रिस्क (Market risk)

सिप पर भी मार्केट कंडीशन का असरपड़ता है और इस वजह से SIP में की गई इन्वेस्टमेंट मार्केट कंडीशनके हिसाब से फ्लकचुएट करती रहती है। जिससे जब भी मार्केट कीकंडीशन में उतार-चढ़ाव आते हैं तो इन्वेस्टर को मिलने वाले रिटर्न परभी इस बात का काफी ज्यादा असर पड़ता है।

एग्जिट लोड (Exit load)

अगर कोई निवेशक इन्वेस्टमेंट पीरियड केपहले अपने इन्वेस्टमेंट को निकालना चाहता है तो वह सकता है किम्यूच्यूअल फंड हाउस उससे इस बात की कुछ फीस चार्ज करें जिसेएग्जिट लोड कहते हैं इससे भी निवेशक को मिलने वाले रिटर्न परअसर पड़ता है।

तो आज के आर्टिकल में आपने यह जाना की सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लानएक बेहद फेमस इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है जिसकी मदद से थोड़ा-थोड़ा करकेनिवेशक एक समय के बाद अच्छी खासी बचत कर लेते हैं। यह आर्टिकलआपको कैसा लगा यह आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपकेकोई और भी सवाल या सुझाव है तो वह भी आप हमें कमेंट करके पूछसकते हैं।

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