6 फाइनेंशियल मिथ्स जिनके बारे में आपका अभी जानना बेहदजरूरी है | 6 financial myths you need to know 2024

6 financial myths you need to know right now

आजकल के डिजिटल जमाने में हर कोई खुद को फाइनेंशियल रूप सेजागरुक और आत्मनिर्भर बनाना चाहता है और ऐसे में आर्थिक रूप सेआत्मनिर्भर बनने के लिए फाइनेंशियल टर्म्स जैसी चीजों के बारे में जाननाबहुत जरूरी है। फाइनेंशियल टर्म्स के अलावा आपको कुछ फाइनेंशियलमिथ्स के बारे में भी पता होना चाहिए जिनकी वजह से लोग इन्वेस्टमेंट करनेमें काफी कंफ्यूज हो जाते हैं और इन्वेस्टमेंट करना अवॉइड करते हैं। तोहमारे आज के इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही कुछ बेहद जरूरीफाइनेंशियल मिथ्स के बारे में बताएंगे जो कि काफी लंबे समय से चले आरहे हैं और इनकी वजह से लोगों को काफी सारी कन्फ्यूजन भी रहती है तोआर्थिक रूप से जागरूक और आत्मनिर्भर बनने के लिए इस आर्टिकल कोपूरा जरूर पढ़िए।

Table of Contents

1. सेविंग अकाउंट को इन्वेस्टमेंट या सेविंग समझना (Considering savings account as investment or saving)

बहुत सारेलोग अभी भी सेविंग अकाउंट को एक इन्वेस्टमेंट ऑप्शन समझते हैंलेकिन आर्थिक जागरूक होने के लिए आपको सबसे पहले यह बातसमझनी होगी कि एक सेविंग अकाउंट इन्वेस्टमेंट का विकल्प कभीनहीं हो सकता है। हालांकि, अगर आप अभी रिस्क नहीं लेना चाहते हैंतो निवेश की तरफ यह एक बेहद सेफ स्टार्टिंग स्टेप जरूर हो सकताहै पर इसे कभी भी प्रॉपर इन्वेस्टमेंट समझने की भूल ना करें क्योंकिएक सेविंग अकाउंट पर मिलने वाला इंटरेस्ट रेट शेयर्स जैसे दूसरेफाइनेंशियल ऐसैट्स के मुकाबले बहुत कम होता है। अगर आपकोआपके सेविंग अकाउंट से मिल रहा इंटरेस्ट रेट, रेट ऑफ इंफ्लेशन सेकम है तो आपके अमाउंट की वैल्यू टाइम के साथ और कम होतीजाएगी। इसके अलावा एक सेविंग अकाउंट के साथ भी कई सारेचार्जेस् जुड़े होते है जिसकी वजह से आपको मिल रहा प्रॉफिट औरभी कम हो जाता है।

2. केवल रिच लोग ही इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं (Only rich people can invest)

यह बहुत ही कॉमन मिथ है की केवल रिच लोग हीइन्वेस्टमेंट कर सकते हैं या फिर इंवेस्टमेंट स्टार्ट करने के लिए बहुत ज्यादाअमाउंट की जरूरत होती है जो की पूरी तरह से गलत है। हालांकि, ऐसामाने जाने के कुछ और भी कारण है जैसे कि पहले इन्वेस्ट करना इतनाआसान नहीं होता था क्योंकि पहले निवेश का प्रोसेस काफी कॉम्प्लिकेटेडहुआ करता था। इसके लिए काफी सारे टाइम और रिसोर्सेज की जरूरतहोती थी। इसलिए लोग इसमें निवेश करने से बचते थे और सीधे औरआसान तरीके में इन्वेस्ट करना ज्यादा सही समझते थे, लेकिन लेकिन अबऐसा नहीं है। इन्वेस्टमेंट प्रोसेस के डिजिटलाइज्ड होने की वजह से अबकोई भी कहीं से भी इन्वेस्ट कर सकता है। इसके अलावा लोगों का यहमानना कि इन्वेस्टमेंट के लिए हमेशा बहुत ज्यादा अमाउंट की जरूरत होतीहै यह भी पूरी तरह से गलत है क्योंकि अब बहुत सारी इन्वेस्टमेंट एप्स औरवेबसाइट्स अवेलेबल है जो कि बहुत ही कम अमाउंट से इन्वेस्टमेंट स्टार्टकरने का ऑप्शन देती हैं। बहुत सारे ऐसे स्टॉक्स हैं जिनमे केवल 10-50 रुपये से इन्वेस्टमेंट स्टार्ट की जा सकती है। तो इन्वेस्टमेंट के लिए बहुतज्यादा अमाउंट की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, आपको निवेश करने केलिए अच्छी फाइनेंशियल नॉलेज का होना बहुत जरूरी है। इसलिए इन्वेस्टकरने से पहले सारी जरूरी फाइनेंशियल बातों और इनसे जुड़ी सारी टर्म्सऔर कंडीशन आदि के बारे में अच्छे से रिसर्च कर ले उसके बाद से हीइन्वेस्ट करना स्टार्ट करें।

3. फाइनेंशियल गोल्स सेट करना और बजट बनाना बेकार है (Setting financial goals and budgeting are useless)

अगर आपनिवेश करने की सोच रहे हैं तो इसके लिए सबसे पहले आपको अपना बजटसेट करना होगा और फिर उसके हिसाब से अपने फाइनेंशियल गोल्स कोसेट करना होगा। ऐसा करने के लिए सबसे पहले आपको अपनी अर्निंग केहिसाब से अपना बजट बनाना होगा और उसमें से आपको जो अमाउंट आपनिवेश करना चाहते हैं वह सेट करना होगा। जब आपको यह पता चल जाएकि आप कितना अमाउंट निवेश कर सकते हैं तो अब आपको फाइनेंशियलगोल्स सेट करने होंगे। निवेश के लिए सेट किए गए अमाउंट के हिसाब सेआप शॉर्ट टर्म, मिड टर्म और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट गोल्स सेट कर सकते हैं।अब जबकि आपको यह पता है कि आपके पास इन्वेस्टमेंट करने के लिएकितना अमाउंट है, आप बहुत ही आराम से अपने इन्वेस्टमेंट गोल्स कोअचीव कर सकते हैं। इसलिए इस बात का ध्यान रखें की फाइनेंशियलगोल्स सेट करना और उन्हे अचीव करने के लिए बजट बनाना फाइनेंशियलफ्रीडम पाने के लिए बहुत जरूरी है और इन्हें नजरअंदाज नहीं करनाचाहिए।

4. इन्वेस्टमेंट करने के लिए बहुत ज्यादा टाइम लगता है (Investing takes a long time)

लोगों के बीच में यह मिथ भी बहुत ज्यादा कॉमनहै कि आपको इन्वेस्टमेंट करने पर बहुत ज्यादा टाइम देना पड़ेगा या अगरआपने स्टॉक्स में इन्वेस्ट किया है तो आपको अब हमेशा स्टॉक मार्केट कोमॉनिटर करना पड़ेगा यह मिथ भी गलत है। हालांकि, अगर आप शेयरमार्केट की रिसर्च करते हैं और इसके लिए आप उसे टाइम देते हैं तो यहकोई गलत बात नहीं है। इससे आपको नॉलेज ही मिलेगी पर इसका मतलबयह नहीं है कि आपको स्टॉक मार्केट को हर टाइम मॉनिटर करना पड़ेगा।आप चाहे तो ऐसे निवेश विकल्पों में इन्वेस्ट कर सकते हैं जिसमें आपकोबहुत ज्यादा टाइम इन्वेस्ट करने की जरूरत नहीं है। इन विकल्पों में आपकोबस कुछ चीजें जैसे की इन्वेस्टमेंट फ्रिकवेंसी, इन्वेस्टमेंट अमाउंट, फाइनेंशियल गोल्स आदि सेट करनी है। उसके बाद यह ऑटोमेटेड प्रोसेस हैजिससे हर महीने आपकी इन्वेस्टमेंट ऑटोमेटिकली हो जाएगी। इस तरहका इन्वेस्टमेंट प्रोसेस पैसिव इन्वेस्टमेंट कहलाता है। इसमें काफी कमटाइम लगता है तो आप इस प्रोसेस को भी चुन सकते हैं।

5. टैक्स प्लानिंग की कोई जरूरत नहीं है (No need for tax planning)

अक्सर लोग टैक्स प्लानिंग करने की जरूरत नहीं समझते हैंऔर इसे काफी कॉम्प्लिकेटेड समझते हैं और कंफ्यूज रहते हैं। ऐसे में कोईप्रॉपर टैक्स प्लानिंग ना होने के कारण वह अच्छा खासा अमाउंट टैक्स केफॉर्म में पे कर देते हैं जबकि प्रॉपर टैक्स प्लैनिंग करके वह इस अमाउंट कीबड़ी आसानी से सेविंग कर सकते हैं और इसे इन्वेस्ट कर सकते हैं जिससेउन्हें बढ़िया रिटर्न भी मिल सकता है। बहुत सारे ऐसे ऑप्शन से जिनमेंनिवेश करके आप अपने टैक्सेबल इनकम को कम कर सकते हैं। इसकेलिए आपको सबसे पहले इनकम टैक्स के स्लैब को अच्छे से समझनाहोगा उसके बाद ही आप फाइनेंशियल गोल्स को सेट कर पाएंगे। क्योंकिअगर आप टैक्स सेव करने के लिए अपने फाइनेंशियल गोल्स को सेट करनाचाहते हैं तो इसके लिए आपको इनकम टैक्स के स्लैब को समझना बहुतजरूरी है तभी आपको यह समझ में आएगा कि आपको अपनी इनकम परकितना टैक्स पे करना है और उस टैक्स में छूट पाने के लिए आपको कितनाइन्वेस्ट करने की जरूरत है। फाइनेंशियल गोल्स सेट करने के बाद अबआपको ऐसे इन्वेस्टमेंट प्लांस को सेलेक्ट करना है जिससे आपको टैक्स मेंछूट के साथ-साथ बढ़िया रिटर्न भी मिले फिलहाल बहुत सारी ऐसी स्कीम हैजिनमें आप इन्वेस्ट करके अच्छा रिटर्न और टैक्स में छूट दोनों का ही लाभउठा सकते हैं। हालांकि, टैक्स प्लानिंग के लिए इन्वेस्टमेंट स्कीम्स को चुनतेसमय आपको यह बात समझने की जरूरत है कि ज्यादातर इन्वेस्टमेंटऑप्शंस लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट स्कीम्स ही होते हैं जिनका फायदा आपकोकुछ टाइम के बाद मिलेगा ऐसे में आपको काफी पहले से अपनी टैक्सप्लानिंग स्टार्ट कर देनी चाहिए।

6. सेविंग स्टार्ट करने के लिए बहुत ज्यादा अर्निंग और राइट एज होनीचाहिए (Must have high earning and right age to start saving)

अक्सर सेविंग और इन्वेस्टमेंट स्टार्ट करने को लेकर यह मिथकाफी ज्यादा देखने को मिलता है कि अगर किसी की इनकम कम है याउसने बस अभी अभी अर्न करना स्टार्ट किया है तो वह सेविंग या इन्वेस्टमेंटस्टार्ट नहीं कर सकता है। इसके अलावा टीनएजर को भी सेविंग करने केलिए ज्यादा इनकरेज नहीं किया जाता है जबकि सेविंग करने के लिए कोईराइट एज नहीं होती है पर्सनल फाइनेंस एक ऐसा सब्जेक्ट है जिसके बारे मेंसभी को पता होना चाहिए और इन्वेस्टमेंट के साथ कंपाउंड फैक्टर भी जुड़ाहोता है जिसका मतलब यह है कि आप जितनी जल्दी इन्वेस्टमेंट स्टार्ट करेंगेउतना ही ज्यादा आपको रिटर्न मिलेगा। इसे और सिंपल लैंग्वेज में समझे तोइसका मतलब यह है कि जब आप इन्वेस्ट करते हैं तो कंपाउंड इंटरेस्ट कीवजह से आपको आपके इनिशियल इन्वेस्टमेंट पर तो इंटरेस्ट मिलता ही हैसाथ ही में आपके इस इनिशियल इन्वेस्टमेंट पर मिलने वाले इंटरेस्ट पर भीआपको इंटरेस्ट मिलता है क्योंकि टाइम के साथ बढ़ता ही जाता है। इसकेअलावा आप जितनी जल्दी सेविंग और इन्वेस्टिंग स्टार्ट करेंगे आपको इनसब चीजों के बारे में उतनी ही ज्यादा नॉलेज होती जाएगी जिससे आप सहीइन्वेस्टमेंट डिसीजन ले पाएंगे साथ ही में जल्दी इन्वेस्टमेंट स्टार्ट करने सेआप आगे चलकर के सही फाइनेंसर डिसीजन ले पाएंगे और अपनेफाइनेंशियल गोल्स को भी अचीव कर पाएंगे और इसके साथ में आपआर्थिक रूप से जागरुक और आत्मनिर्भर भी बन सकेंगे।

हमारे आज के इस आर्टिकल में आपने कुछ बेहद इंपॉर्टेंट फाइनेंशियलमिथ्स के बारे में जाना जोकि अभी भी काफी ज्यादा फैले हुए हैं औरजिनकी वजह से लोग अभी भी काफी कंफ्यूज रहते हैं और सहीफाइनेंशियल डिसीजन नहीं ले पाते हैं। हमारे आर्टिकल में हमने इन बेहदकॉमन फाइनेंशियल मिथ्स के बारे में सही जानकारी देने की कोशिश कीहै। आपको यह आर्टिकल कैसा लगा यह आप हमें कमेंट करके जरूरबताइए अगर आपके कोई और भी सुझाव और सवाल है वह भी आप हमेंकमेंट करके बता सकते हैं।

डिसक्लेमर: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्योंके लिए है और इसका उद्देश्य वित्तीय, निवेश या पेशेवर सलाह नहीं है। इसलेख की जानकारी इंटरनेट से सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी औरशोध पर आधारित है और पेशेवर सलाह का विकल्प नहीं है। जबकि हमनेयह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया है कि प्रदान की गईजानकारी सटीक और अद्यतित है, हम सभी सूचनाओं की सटीकता कीगारंटी नहीं दे सकते। कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा एक वित्तीयसलाहकार या अन्य पेशेवर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है। इसलेख के लेखक और प्रकाशक को प्रदान की गई जानकारी में किसी भीअशुद्धि या त्रुटि या इस जानकारी के आधार पर की गई किसी भी कार्रवाईके लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जाएगा।

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